..: पावन पाहन को जो प्रणाम
करे वही प्रीत की पाग है हिन्दी .
एक से एक जहाँ फल फूल
दिखे वो मनोरम बाग़ है हिन्दी .
भोर में भाव विभोर हो भक्त ..
सुने वही भैरवी राग है हिन्दी .
तीर्थ आ मज्जन पान करें वह .
तीरथ राज प्रयाग है हिन्दी .. .
बहुत सुन्दर। जय हिन्दी जय हिन्दोस्तान!
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