सिर्फ पुकार के देखो इसे
अपनी है अनाथ की नाथ है हिन्दी ।
कर्म ही पूजा है पाठ पढ़ाती ये
कर्मठ के लिए हाथ है हिन्दी ।
अंग इसे नहीं छांट सकोगे ये
आँख है , नाक है , माथ है हिन्दी ।
हिन्दी वगैर अधूरा सभी कुछ
जीवन मृत्यु के साथ है हिन्दी ॥
सिर्फ पुकार के देखो इसे
अपनी है अनाथ की नाथ है हिन्दी ।
कर्म ही पूजा है पाठ पढ़ाती ये
कर्मठ के लिए हाथ है हिन्दी ।
अंग इसे नहीं छांट सकोगे ये
आँख है , नाक है , माथ है हिन्दी ।
हिन्दी वगैर अधूरा सभी कुछ
जीवन मृत्यु के साथ है हिन्दी ॥
नाचे लाला छछिया भर छाछ पे
ये उस छाछ की राज है हिन्दी ।
सारा जहान अचम्भित होके
विलोके जिसे वह ताज है हिन्दी ।
काव्य कला कमनीय कलेवर
धारे हुए अभिराज है हिन्दी ।
भूत भविष्य समेटे हुए जो
नवीन दिखे वह आज है हिन्दी ॥
है कविता नवगीत है गीत ,
अगीत तो काव्य में छंद है कविता ।
एक से एक महाकवि काव्य हैं ,
मुक्तक और प्रबंध है कविता ।
राष्ट्र का प्रेम है नेम है धर्म का ,
सभ्यता का अनुबंध है हिन्दी ।
पौध है , डाल है , पात है , फूल है ,
फूलन में मकरंद है हिन्दी ॥
* * *
देश की रानी है हिन्दी ही भाषा ,
बता गये कामिल फादर हिन्दी ।
आमी नदी के किनारे बना दी
कबीर को पुष्प ये चादर हिन्दी ।
गागर सागर श्रीनटनागर के
व्यवहार में आदर हिन्दी ।
जो बरसे सुखशान्ति समृद्धि के
खातिर ही वह बादर हिन्दी ॥