बुधवार, 21 मार्च 2012

अंगड़ाई है हिन्दी

है रक्ताभ महावर भू पग 
             सूरज  की   अरुणाई   है   हिन्दी,
जो पथ से भटकी न कभी
             वह भीषम की  तरुणाई है हिन्दी,
पत्थर भी जहाँ मोम बने 
             करुणेश की वो करुणाई है हिन्दी,
अंग अनंग को देवे निमंत्रण 
             नारी  की  वो  अंगड़ाई  है  हिन्दी,     

मंगलवार, 20 मार्च 2012

विशिष्ट है हिन्दी ..

जो  डर  के  न  प्रयोग  करें उनके

लिए  रूप   में   क्लिष्ट   है  हिन्दी . 
किन्तु  सुपाच्य , सुबोध ,सुगम्य 
स्वभाव  में  सुंदर  शिष्ट  है हिन्दी.
ताकत      में       कमजोर    नहीं 
अपना   कर देखो बलिष्ट है हिन्दी . 
ईश्वर    की   कुछ  ऐसी  कृपा  कि
सभी से ये भिन्न विशिष्ट है हिन्दी ..

रविवार, 18 मार्च 2012

मेवाड़ है हिन्दी . .

साधु जरा भी न हों भयभीत 
असाधु निमित्त तिहाड़ है हिन्दी.
भारत को घर मानिए आप 
ये रक्षक रूप किवाड़ है हिन्दी . 
जा भय ते सभी जंगली जीव 
डरें वह शेर -दहाड़ है हिन्दी . 
वीरता की यदि बात उठे उस 
काल लगे ये मेवाड़ है हिन्दी . . 
 

शनिवार, 17 मार्च 2012

रानी है हिन्दी..

लेती परीक्षा कठोर है किन्तु 
              ये नन्दिनी सी वरदानी है हिन्दी. 
जो समझे उसके लिए आग है, 
             आग लिए पर पानी है हिन्दी. 
है करती न दिखावा जरा,
             अभिमानी नहीं स्वाभिमानी है हिन्दी.
लाल को काल के गाल में डाल दे,
            सिंहिनी झाँसी की रानी है हिन्दी.. 
 

बुधवार, 14 मार्च 2012

कछार है हिन्दी

होते खड़ी हिमवान लगे 

झुकने पर विन्ध्य पहार है हिन्दी . 

पालकी, नालकी ,डोली लगे 

लगती है कभी ये कँहार है हिन्दी 

जो नित रूप नया दिखलाये 

वो पौध है बाग़ बहार है हिन्दी 

कान्हा की काली लगे कमरी 

कभी कूर्म,कलिन्द,कछार है हिन्दी