बुधवार, 24 अप्रैल 2013

प्रवासी है हिन्दी

लोग इसे समझे न भले पर 
शंकरसी अविनाशी है हिन्दी .
लोक से  ऊपर है  भवलोक 
त्रिलोक से न्यारी ये काशी है हिन्दी 
चाहे कभी भी पुकारो इसे 
कह दोगे  स्वयं  मृदुभाषी है हिन्दी 
बहर जाकर देखो लगेगा 
  • जहाँ में कहीं भी प्रवासी है हिन्दी  

बुधवार, 22 अगस्त 2012

प्रवासी है हिन्दी ..

जो यमपास से खींच के लायी 
पती  को उसी का सतीत्व है हिन्दी .
जो कवि - कर्म कथा लिख डाले 
उन्हीं ऋषियों का कृतित्व है हिन्दी .
हिन्दी के नाम पे कोष भरें 
उनके लिए एक वृतित्व है हिन्दी .
कोई संदेह नहीं इसमें यह
भारत का अस्तित्व है हिन्दी ..

लोग इसे समझें न भले पर 
शंकर सी अविनासी है हिन्दी .
लोक से ऊपर है भवलोक 
त्रिलोक से न्यारी ये काशी है हिन्दी .
चाहे कभी भी पुकारो इसे 
कह दोगे स्वयं मृदुभाषी  है हिन्दी .
बाहर जाकर देखो लगेगा 
जहाँ में कहीं भी प्रवासी है हिन्दी ..

शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

सृष्टि है हिन्दी

आप करें विश्वास भले नहीं 
संजय की यह दृष्टि है हिन्दी .
सावन माह के मंद समीर में 
झीनी फुहार सी वृष्टि  है हिन्दी 
लोग भने  झुठ सांच बराबर
जाके लिए वह हृष्टि  है हिन्दी .
विष्णु की माया इसे समझो ,
समझो करतार की सृष्टि है हिन्दी ..

मंगलवार, 3 जुलाई 2012

छ्टा है ये हिन्दी ..

आयी  भूलोक पे ये जब से तब
 से ही अटारी अटा पे है   हिन्दी  .
गंगा जहाँ पर आके समायी 
वो शंकर शीश जटा  है ये  हिन्दी .
भादव मास की अष्टमी में 
रोहिणीयुत  छायी घटा  ये  है हिन्दी .
राधे औ कृष्ण के रास के बीच 
निधीवन छायी छ्टा है ये हिन्दी  ..

रविवार, 1 जुलाई 2012

पात है हिन्दी ..

'उसने कहा था ''सिंदूर की होली  '
कि 'रावण ' पूस की रात 'है हिन्दी .
है ; 'करुणा ' संग 'क्रोध 'भी साथ है
' दाँत ' प्रताप 'की 'बात ' है हिन्दी .
'शास्त्र घुमक्कण ''विद्या निवास '
कि 'मंगल ' के पद सात है हिन्दी .
पानी में है पर पानी टिके नहीं 
ये जलजात का पात है हिन्दी ..

गुरुवार, 21 जून 2012

शक्ति है हिन्दी ..

आयेगा वक्त कहेंगे सभी यही 
व्यक्ति से व्यक्ति है व्यक्ति है हिन्दी .
ज्ञान है ,योग है ,कर्म है ,भाव है 
मानव जाति  की भक्ति है हिन्दी .
 योगी के योग में ,भोगी के भोग में 
व्यापी हुई अनुरक्ति है हिन्दी .
डोल रहे रस घोल रहे शिव 
बोल रहे वह शक्ति है हिन्दी ..

बुधवार, 20 जून 2012

प्रयाग है हिन्दी ...

..: पावन पाहन को जो प्रणाम  
 करे वही प्रीत की पाग है हिन्दी .
 एक से एक जहाँ फल फूल  
 दिखे वो मनोरम बाग़ है हिन्दी .
  भोर में भाव विभोर हो भक्त ..
सुने वही भैरवी राग है हिन्दी .
तीर्थ आ मज्जन पान करें वह .
तीरथ राज प्रयाग है हिन्दी .. .