मंगलवार, 20 मार्च 2012

विशिष्ट है हिन्दी ..

जो  डर  के  न  प्रयोग  करें उनके

लिए  रूप   में   क्लिष्ट   है  हिन्दी . 
किन्तु  सुपाच्य , सुबोध ,सुगम्य 
स्वभाव  में  सुंदर  शिष्ट  है हिन्दी.
ताकत      में       कमजोर    नहीं 
अपना   कर देखो बलिष्ट है हिन्दी . 
ईश्वर    की   कुछ  ऐसी  कृपा  कि
सभी से ये भिन्न विशिष्ट है हिन्दी ..

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