शनिवार, 17 मार्च 2012

रानी है हिन्दी..

लेती परीक्षा कठोर है किन्तु 
              ये नन्दिनी सी वरदानी है हिन्दी. 
जो समझे उसके लिए आग है, 
             आग लिए पर पानी है हिन्दी. 
है करती न दिखावा जरा,
             अभिमानी नहीं स्वाभिमानी है हिन्दी.
लाल को काल के गाल में डाल दे,
            सिंहिनी झाँसी की रानी है हिन्दी.. 
 

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