है कविता नवगीत है गीत ,
अगीत तो काव्य में छंद है कविता ।
एक से एक महाकवि काव्य हैं ,
मुक्तक और प्रबंध है कविता ।
राष्ट्र का प्रेम है नेम है धर्म का ,
सभ्यता का अनुबंध है हिन्दी ।
पौध है , डाल है , पात है , फूल है ,
फूलन में मकरंद है हिन्दी ॥
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देश की रानी है हिन्दी ही भाषा ,
बता गये कामिल फादर हिन्दी ।
आमी नदी के किनारे बना दी
कबीर को पुष्प ये चादर हिन्दी ।
गागर सागर श्रीनटनागर के
व्यवहार में आदर हिन्दी ।
जो बरसे सुखशान्ति समृद्धि के
खातिर ही वह बादर हिन्दी ॥
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