हिन्दी : डॉ.उमाशंकर चतुर्वेदी 'कंचन'
हिन्दी
गुरुवार, 5 अप्रैल 2012
जानती हिन्दी
जीवन में सबके ग्रह का
पड़ता है प्रभाव ये जानती हिन्दी
जीवन को सबके ही निखारता
है ये अभाव भी जानती हिन्दी
जो बढ़ता उसके प्रति लोग
रखे हैं कुभाव ये जानती हिन्दी
बिच्छू के डंक औ साधू के भाव
हैं
भिन्न स्वभाव ये जानती हिन्दी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें