मंगलवार, 17 जनवरी 2012

चन्द है हिन्दी

तेज में सूरज सी लगती
मधु शीतलता में ये चन्द है हिन्दी
सोरठा, छप्पय ,रोला दोहा
लगे चौपाई , ये छंद है हिन्दी
सेठ के खातिर छप्पन भोग तो
है वनवासी को कंद ये हिन्दी
नेम निबाहने में सब त्याग दी
सत्य में ये हरिचंद है हिन्दी

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