हिन्दी
लोक का जो उपकार करे
वह नारद वीणा की तान है हिन्दी ।
जो कभी सूखे विराम न ले
वह ही सुरधेनु की थान है हिन्दी ।
जो निज देश से प्यार करे
उसके लिए देश की मान है हिन्दी ।
योगी यती जो समाधि लगाये हुए
बइठे वह ध्यान है हिन्दी ।
..हिंदी का खूब श्रृंगार किया है आपने।
लोक का जो उपकार करेवह नारद वीणा की तान है हिन्दी....जो झट जुबां पर चढ़ बैठे ऐसे मीठे सुर की तान हैं हिंदीसरल ,सीधी सुकोमल हर भारतवासी की जान है हिंदी .....
हाँ कह सकते हैं .....हमारी जान है हिंदी ...सुन्दर रचना ...बधाई
..हिंदी का खूब श्रृंगार किया है आपने।
जवाब देंहटाएंलोक का जो उपकार करे
जवाब देंहटाएंवह नारद वीणा की तान है हिन्दी....
जो झट जुबां पर चढ़ बैठे ऐसे मीठे सुर की तान हैं हिंदी
सरल ,सीधी सुकोमल हर भारतवासी की जान है हिंदी .....
हाँ कह सकते हैं .....हमारी जान है हिंदी ...सुन्दर रचना ...बधाई
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