हिन्दी : डॉ.उमाशंकर चतुर्वेदी 'कंचन'
हिन्दी
रविवार, 18 मार्च 2012
मेवाड़ है हिन्दी . .
साधु जरा भी न हों भयभीत
असाधु निमित्त तिहाड़ है हिन्दी.
भारत को घर मानिए आप
ये रक्षक रूप किवाड़ है हिन्दी .
जा भय ते सभी जंगली जीव
डरें वह शेर -दहाड़ है हिन्दी .
वीरता की यदि बात उठे उस
काल लगे ये मेवाड़ है हिन्दी . .
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