हिन्दी
नाचे लाला छछिया भर छाछ पे
ये उस छाछ की राज है हिन्दी ।
सारा जहान अचम्भित होके
विलोके जिसे वह ताज है हिन्दी ।
काव्य कला कमनीय कलेवर
धारे हुए अभिराज है हिन्दी ।
भूत भविष्य समेटे हुए जो
नवीन दिखे वह आज है हिन्दी ॥
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